राम मंदिर को एटीएस कमांडो ने घेरा, 2 करोड़ दान देने वाले 100 मेहमानों को न्योता

अयोध्या में भारी वाहनों की एंट्री रोकी गई

ब्रह्मास्त्र अयोध्या

अयोध्या राम मंदिर के लिए तैयार की गई धर्मध्वजा जन्मभूमि पहुंच चुकी है। इसे गुजरात में 6 कारीगरों ने 25 दिन में तैयार किया है। 25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह में पीएम मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर पहली बार इस ध्वज को फहराएंगे।

राम जन्मभूमि और आसपास के एरिया को एटीएस कमांडो और सीआरपीएफ के जवानों ने घेर रखा है। राम मंदिर की सुरक्षा 5 लेयर में की गई है। इसमें एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप), एनएसजी कमांडो और एटीएस (एंटी-टेरर स्क्वॉड) कमांडो तैनात हैं। इसके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और पीएसी भी सुरक्षा में शामिल हैं। यूपी पुलिस के साथ स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स की पूरी टीम भी लगी है। हर एक्टिविटी पर जवान नजर रख रहे हैं। समारोह में उन 100 दानदाताओं को आमंत्रित किया गया है जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में 2 करोड़ से ज्यादा दान दिए थे। लखनऊ, अयोध्या सहित आसपास के 25 जिलों के लोगों और किसानों को खास महत्व दिया गया है। समारोह में शंकराचार्यों को नहीं बुलाया गया है। ट्रस्ट ने अपील की है कि 25 नवंबर को आम श्रद्धालु अयोध्या न आएं या रामलला के दर्शन के लिए न आएं। इस दिन आम भक्त रामलला के दर्शन नहीं कर पाएंगे। 23 नवंबर की रात 11 बजे से अयोध्या की तरफ लोडर गाड़ियां जैसे- ट्रक, ट्रैक्टर, डीसीएम आदि रोक दी गई हैं।

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